Global Gandhi is a platform to network Gandhian Institutions, Experts and Activists globally
Institutions
A global network of Gandhian institutions promoting peace, nonviolence, and social justice through various initiatives.
Experts
A directory of Gandhian experts from all over the world, featuring scholars, professors, researchers, and authors.
Activists
A list of Gandhian activists experimenting with his teachings in real-world contexts globally.
Global Gandhi
Global Gandhi is a non-organizational platform created by the Gandhians and for the Gandhians. Its purpose is to connect thousands of individuals and institutions worldwide committed to advancing Mahatma Gandhi’s principles of Satya (truth), Ahimsa (non-violence), Nyay (justice), and Shanti (peace). This community-run platform enables sharing, collaboration, and partnerships among like-minded advocates, fostering a global network dedicated to promoting these core values and enriching the collective pursuit of justice and peace.
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Gandhi Gallery
A selection of images and videos depicting the life and legacy of Mahatma Gandhi.
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Famous Quotes
If you want to see the world change, start with yourself
It’s about taking personal responsibility for the changes you want to see around you.
You’ll discover your true self when you dedicate yourself to helping others
Gandhi believed that serving others is the key to finding purpose and fulfillment.
If we keep seeking revenge, everyone will end up suffering
This highlights that responding to violence with violence only leads to more harm
Articles
ब्रह्मचर्य के प्रयोगों पर सवाल क्यों? भाग-२
ब्रह्मचर्य के प्रयोगों पर सवाल क्यों? ‘गांधी एक असंभव संभावना’ के लेखक सुधीर चन्द्र से नितिन ठाकुर की बातचीत
ब्रह्मचर्य के प्रयोगों पर सवाल क्यों? भाग १
सुधीर चन्द्र ने एक किताब लिखी थी- गांधी एक असम्भव संभावना. यह किताब गांधी के अंतिम दिनों का मार्मिक दस्तावेज है. लेकिन बात केवल अंतिम दिनों की नहीं, आज हम गांधी की जिन्दगी से जुड़े सबसे मुश्किल सवालों पर चर्चा करेंगे. क्या गांधी ने अपने जीवन के आखिरी दिनों में अहिंसक संघर्ष के अपने सिद्धांत की हार स्वीकार कर ली थी? गाँधी के ब्रह्मचर्य के प्रयोगों की हकीकत क्या है? किसने कर दी थी गांधी की हत्या की भविष्यवाणी? आइये, इतिहास के इन पन्नों से रूबरू हों।
पूँजीवाद का उपाय है ट्रस्टीशिप
पूंजीवाद से उपजी आर्थिक असमानता का उपाय, जो गाँधी बता रहे हैं, वह ट्रस्टीशिप और अपरिग्रह है. हिंसा के विषय में भी गांधी से बढ़कर कोई दूसरा पैगम्बर पिछले हजार दो हजार साल में नहीं हुआ. अफ्रीकन नेशनल कांग्रेस के नेता नेल्सन मंडेला अतिरेक में हिंसा के रास्ते चले गये. बम बनाना और बंदूकों का इस्तेमाल करना उन्हें जायज़ लगता था. गोरों ने उनको 27 साल जेल में रखा.
स्वराज-रचना और राष्ट्र-निर्माण का गांधी-मार्ग
बीते पचहत्तर बरसों में हमने लोकतान्त्रिक संविधान और संसदीय राजनीति का सदुपयोग करके एक ‘कल्याणकारी राज्य’ की रचना की है. पहले चार दशक राज्य द्वारा निर्देशित नियोजन का रास्ता अपनाया गया. फिर बीते तीस बरस बाजारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण के उद्देश्य से खर्च किये गए. फिर भी भारत के गाँवों, कस्बों, नगरों में एक चौथाई आबादी निर्धनता और निरक्षरता के दो पाटों में फंसी हुई है. देश की स्त्रियों, किसानों, दस्तकारों, श्रमजीवियों, दलितों, पसमांदा मुसलमानों और आदिवासियों के बीच स्वराज का अधूरा बने रहना चिंता का विषय है. इस दुर्दशा से मुक्ति के लिए स्वराज रचना और राष्ट्र-निर्माण के अधूरेपन को रचनात्मक कार्यक्रमों के जरिये दूर करना ही युगधर्म है.