“जब युवा सत्य की राह पर चल पड़े, समाज खुद बदल जाता है।”
8 नवम्बर 2025 की शाम “Youth for Truth × एक कदम गांधी के साथ” नाम से एक विशेष ऑनलाइन सत्र आयोजित किया गया।
यह सत्र गांधी के विचारों को युवाओं तक पहुँचाने, और सत्य, अहिंसा एवं सेवा जैसे मूल्यों को आज के जीवन में उतारने की दिशा में एक प्रयास था।
कार्यक्रम का संचालन भिपाशा रैना ने किया और इसमें मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित थे —
श्री चंदन पाल जी एवं श्री राम धीरज जी (अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश सर्वोदय मंडल और वरिष्ठ सदस्य, सर्व सेवा संघ)।
सत्र की शुरुआत
कार्यक्रम की शुरुआत में भिपाशा रैना जी ने सभी प्रतिभागियों का स्वागत किया और बताया कि
“Youth for Truth एक ऐसा मंच है जहाँ युवा अपने विचार, अपनी सच्चाई और अपने समाज के लिए कुछ करने की प्रेरणा खोजते हैं।”
इसके बाद राम दत्त त्रिपाठी जी ने चंदन पाल जी का स्वागत किया और उन्हें अपने विचार साझा करने के लिए आमंत्रित किया।
चंदन पाल जी का प्रेरक वक्तव्य
चंदन पाल जी ने अपने वक्तव्य में युवाओं को गांधी के विचारों को आधुनिक जीवन से जोड़ने की प्रेरणा दी।
उन्होंने कहा —
“नमस्कार सभी को।
मैं सबसे पहले Youth for Truth और पूरी टीम को धन्यवाद देता हूँ, जिन्होंने इतना सुंदर आयोजन किया।आज जब हम गांधी जी की बात करते हैं, तो यह केवल इतिहास की चर्चा नहीं होती — यह आज की ज़रूरत है।
हर युवा से यह सवाल पूछना चाहिए — क्या हम समाज के लिए कुछ कर रहे हैं?
गांधी जी ने हमें यह सिखाया कि परिवर्तन लाने के लिए किसी बड़े पद या अधिकार की आवश्यकता नहीं है।
यदि एक व्यक्ति भी सत्य और प्रेम के साथ खड़ा हो जाए, तो समाज को दिशा मिलती है।आज के युवाओं के पास ज्ञान है, तकनीक है, ऊर्जा है — बस उन्हें दिशा की ज़रूरत है।
और वह दिशा गांधी के विचारों में छिपी है।मेरा आग्रह है कि हम सब गांधी को केवल पढ़ें नहीं,
बल्कि उन्हें अपने जीवन में जिएँ।एक कदम यदि हम सच और अहिंसा की ओर बढ़ाएँ, तो समाज खुद हमारे पीछे चल पड़ेगा।”
उनके शब्दों ने सत्र में एक शांत और प्रेरक ऊर्जा का संचार किया।
यह महसूस हुआ कि गांधी का दर्शन केवल अतीत नहीं — वर्तमान की सबसे बड़ी आवश्यकता है।
राम धीरज जी का आत्मिक और क्रांतिकारी संबोधन
सत्र का मुख्य आकर्षण था — राम धीरज जी का संबोधन।
उनके शब्दों ने युवाओं के मन को गहराई से छुआ।
उन्होंने कहा कि गांधी कोई व्यक्ति नहीं, बल्कि एक विचार हैं — जो तब तक जीवित रहेंगे जब तक सत्य, करुणा और न्याय जीवित रहेंगे।
राम धीरज जी ने कहा —
“गांधी केवल इतिहास का हिस्सा नहीं हैं — वे एक सतत विचार हैं।
बहुत से लोग कहते हैं कि गांधी अब प्रासंगिक नहीं रहे,
लेकिन जब तक सत्य और न्याय की आवश्यकता इस धरती पर रहेगी, गांधी जीवित रहेंगे।असली क्रांति बंदूक या राजनीति से नहीं, मन की शुद्धि से आती है।
जब हम अपने भीतर के हिंसा, झूठ और अहंकार को पहचान लेते हैं,
तभी समाज बदलना शुरू होता है।आज का युवा बहुत बुद्धिमान और सक्षम है,
लेकिन उसे अपने भीतर की दिशा पहचाननी होगी।
केवल करियर या पैसे के लिए नहीं,
बल्कि समाज और मनुष्यता के लिए भी कुछ करना चाहिए।गांधी जी ने कहा था — ‘मेरा जीवन ही मेरा संदेश है।’
यही आज के युवाओं के लिए सबसे बड़ा संदेश है।सेवा ही सबसे बड़ी साधना है।
यदि आप किसी ज़रूरतमंद की मदद करते हैं,
एक छोटे बच्चे की मुस्कान लौटा देते हैं —
तो वही असली गांधी मार्ग है।युवाओं से मैं कहना चाहता हूँ —
अपने भीतर के गांधी को जगाओ।सत्य बोलने का साहस रखो,
हिंसा से दूर रहो,
और सेवा में आनंद खोजो।युवाओं का गांधी से रिश्ता तभी बनेगा,
जब वे गांधी को अपने जीवन में उतारेंगे।”
उनके उद्बोधन ने सत्र में उपस्थित हर युवा को सोचने पर मजबूर किया —
क्या हम अपने जीवन में गांधी को वास्तव में जी रहे हैं या केवल याद कर रहे हैं?
सत्र का समापन
कार्यक्रम के अंत में भिपाशा रैना जी ने दोनों वक्ताओं और सभी प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया।
उन्होंने कहा —
“Youth for Truth का उद्देश्य केवल चर्चा नहीं, बल्कि चरित्र निर्माण है।
जब हम गांधी के साथ एक कदम बढ़ाते हैं,
तो समाज खुद हमारी दिशा पकड़ लेता है।”
सत्र का समापन सभी प्रतिभागियों के सामूहिक संकल्प के साथ हुआ —
“हम सत्य, अहिंसा और सेवा के मार्ग पर चलेंगे।”
निष्कर्ष
यह सत्र केवल एक Zoom मीटिंग नहीं था —
यह आत्मा से आत्मा का संवाद था।
एक ऐसा मंच जहाँ युवाओं ने यह महसूस किया कि
गांधी को पढ़ना आसान है, पर उन्हें जीना साहस मांगता है।
“गांधी आज भी जीवित हैं,
जब भी कोई युवा सत्य बोलने का जोखिम उठाता है।”




