गांधी विचारों का डिजिटल दीपस्तंभ – ग्लोबल गांधी.कॉम

दुनिया का भयावह दोराहा

आज दुनिया उस भयावह दोराहे पर खड़ी है, जहाँ यूक्रेन से लेकर गाजा, नेपाल से बांग्लादेश तक, हर ओर हिंसा हो रही है, और इसका काला साया हर ओर मंडरा रहा है। कभी सियासत की आग में, तो कभी बे-लगाम ताकत के ज़ुल्म में। समाज में आर्थिक खाई और बे-इंसाफी इस कदर बढ़ी कि बड़ी संख्या में लोग बे-रोज़गारी, भूख और हक़ से महरूमी की आग में जल रहे हैं।

दूसरी ओर प्रकृति की तबाही हर पल चीख-चीख कर हमें हमारी करतूत बता रही है। हम न सिर्फ मानवीय संकट से जूझ रहे हैं, बल्कि हक़ की राह से भटकने और सत्य के मार्ग से दूरी के उस गहरे अंधेरे में भी डूबते जा रहे हैं, जो हमें हलाकत (विनाश) की ओर ले जा रहा है।

निश्चय ही, हमारा समय का पहिया अंधकार और विनाश की ओर लगातार बढ़ता जा रहा है, तब गांधी के विचार हमारे लिए प्रकाश की किरण बनकर उभरेगा।


गांधी विचारों का दीपस्तंभ

किंतु यह भी सत्य है कि विध्वंसकारी शक्तियाँ, जो सत्य और न्याय के शत्रु हैं, इन विचारों को इतिहास के गर्त में दफन करने को आतुर हैं (हालाकिं यह इनके लिए संभव नहीं)।

जब संसार पागल दौड़ के भँवर में फँसा है, गांधी का विचार सत्य की वह हुंकार है जो मानव को हक व इंसाफ की राह दिखला रहा है। यह विचार न केवल बेहतर मार्ग प्रस्तुत करता आ रहा है, अपितु सही आदमी होने की तमीज सिखला रहा है।

गांधी के सर्वोदय, सत्य, अहिंसा, प्रेम, निर्भयता आदि ये सिद्धांत आज ही नहीं, कल के तूफानों में भी दृढ़ दीपस्तंभ हैं।


एकजुटता का अभाव

कई साथी हैं जो इस दीपस्तंभ के लिए कार्य कर रहे हैं, विश्व के कोनों में बिखरे हैं चाहे वह गांधी कर्ता हों या संस्थाएं हों, मगर अफसोस! एकजुटता का अभाव है।

कितने ही गांधी-कर्ता हैं, जो इस धरती पर हक़ और इंसाफ के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं और करते आ रहे हैं, मगर उनकी आवाज़ गुमनामी के अंधेरे में खोई हुई है।

उनका ज्ञान, उनका काम, उनकी आवाज न तो नौजवानों तक पहुँच पा रहा है, न ही मुल्कों के सरबराहों (मुखिया) के कानों तक।


ग्लोबल गांधी नेटवर्क का मकसद

ऐसे में ग्लोबल गांधी नेटवर्क का फर्ज़ सिर्फ़ बातचीत, सहयोग या सृजन तक नहीं; बल्कि उसका मकसद उससे कहीं आला है।

सत्य, प्रेम और इंसानियत की उन आवाजों को, जो हक़ में जड़ें रखती हैं, इस भागती दौड़ती दुनिया को फिर से जगा कर, बुलंद करना है, ताकि सर्वोदय की राह पर चलने वालें लोग एक साथ आ पाए।

यह मंच महज़ तकनीकी ढांचा नहीं, बल्कि सर्वोदयी मिशन है। इसका मकसद दुनिया को यह इल्म देना है कि तरक्की सिर्फ मुनाफे की चमक में नहीं, बल्कि जगत के समस्त इंसान, जानवर, पेड़-पौधे व जंगल आदि के कल्याण में है।


‘चैट विथ गांधी’ – एआई के दौर की अनूठी पहल

ग्लोबल गांधी ने अपनी वेबसाइट पर एआई के दौर के अनुरूप ‘चैट विथ गांधी’ नामक अनूठी पहल शुरू की है।

इस सुविधा के माध्यम से आप महात्मा गांधी से संबंधित किसी भी प्रश्न का उत्तर तुरंत प्राप्त कर सकते हैं, साथ ही प्रामाणिक जानकारी के लिए पुस्तकों का संदर्भ भी उपलब्ध रहता है।

इस महत्वपूर्ण परियोजना को ग्लोबल गांधी की टीम ने साकार किया, जिसमें ‘चैट विथ गांधी’ का तकनीकी कार्य आईआईटी के प्रो. निशीथ ने किया।

यह पहल आज के समय के हिसाब से न केवल जरूरी, बल्कि अत्यंत मूल्यवान भी है।


लॉन्च समारोह – 22 सितंबर, 2025

22 सितंबर, 2025 को ग्लोबल गांधी की वेबसाइट और ‘चैट विथ गांधी’ का शुभारंभ हुआ, जिसमें विश्व भर से लोग शामिल हुए।

इस लॉन्च समारोह में प्रमुख रूप से दूरसंचार आविष्कारक सैम पित्रोदा, मैक्सिको से सोनिया देओतो, दक्षिण अफ्रीका से जय नायडू, कनाडा से विशाल शिवहरे, सेवाग्राम आश्रम से सीबी के जोसेफ, पूर्व कुलपति सुदर्शन आयंगार, डॉ. आर. ए. माशेलकर, वरिष्ठ पत्रकार रामदत्त त्रिपाठी, सहित कई गांधीकर्ता, गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहें।

इस अवसर पर बोलते हुए सैम पित्रोदा ने कहा कि विश्व, नेतृत्व और नैतिकता के संकट का सामना कर रहा है। गांधी के सत्य, अहिंसा और करुणा के मूल्य अतीत की वस्तुएं नहीं, बल्कि वर्तमान के लिए तत्काल आवश्यकता है।

ग्लोबल गांधी नेटवर्क उनके संदेश को डिजिटल युग में लाएगा और युवाओं को सेवा व स्थिरता पर आधारित नेतृत्व की पुनर्कल्पना करने के लिए प्रेरित करेगा। यह लॉन्च गांधी की विरासत को 21वीं सदी में ले जाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है, जो यह पुनः पुष्टि करता है कि गांधी केवल भारत के नहीं, बल्कि पूरे विश्व के हैं।


ग्लोबल गांधी नेटवर्क की विशेषताएँ

ग्लोबल गांधी नेटवर्क की वेबसाइट में:

  • एआई गांधी चैटबॉट
  • ‘कनेक्ट’ और ‘कोलैबोरेट’ फीचर्स
  • ‘इवेंट्स’ सेक्शन (आगामी कार्यक्रमों की जानकारी और पूर्व आयोजनों का विवरण)
  • ‘फैक्ट चेकर’ सुविधा (गांधी से संबंधित मिथकों को दूर कर सत्य व तथ्यों को सामने लाना)
  • ‘गांधी गैलरी’ और ‘वीडियो चैनल’ (चित्रों और महत्वपूर्ण वीडियो का संग्रह)

ग्लोबल गांधी की वेबसाइट खोलते ही आपको इसके तीन प्रमुख खंड दिखाई देंगे: संस्थाएँ, विशेषज्ञ और कार्यकर्ता। भविष्य में इसका दायरा और अधिक विस्तृत होने की संभावना है, और इस दिशा में तेजी से कार्य चल रहा है।


निष्कर्ष

इस प्रकार, ग्लोबल गांधी नेटवर्क का यह प्रयास एआई के युग में ऐसी मशाल है, जो विश्व को सत्य, अहिंसा और सर्वोदय के पथ पर चलने के लिए मार्ग को सुगम बनाएगी।


(लेखक महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय में शोधार्थी हैं।)

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